Posts

Showing posts from September, 2014

प्रभात की सैर और बिल्ली

आज सुबह प्रभात की सैर के दौरान ४ लोग, दो + दो जोड़ों के रूप में मेरे से आगे चल रहे थे l अचानक झाड़ियों से एक बिल्ली निकली और उनके आगे से रास्ता काट गयी l दोनों जोड़े ठिठक गए और असमंजस में फंस गए की अब क्या किया जाए, कौन आगे जाए l इस सब घटनाक्रम को पीछे से देखते हुए किसी बिल्ली के रास्ता काटने से खुद को अनभिज्ञ दर्शाते हए मैंने उनके असमंजस का हल उनसे आगे निकल कर कर दिया l लेकिन कई सवाल मेरे जेहन में उतर गए l अगर आप इन सब बातों पर इतना ही विश्वास करते हो तो इसका मतलब आप खुद को सुरक्षित रखने के लिए किसी की बलि दे रहे हो l इससे आप स्वार्थी सिद्ध होते हो, आपकी भावना भाड़ में जाए जनता अपना काम बनता वाली है l ऐसी सोच के साथ कैसे आप फिर किसी से उम्मीद कर सकते हो की आप मुश्किल में हो और दूसरा आपकी मदद करें l और भी कई अनगिनत सवाल l और सबसे बड़ी बात पूरी तरह सुरक्षित भी हूँ l :D