नेगी जी और नए गायक
नेगी जी ने गढ़वाल की परिस्थितियों, वहां के लोगों की भावनाओं (ख़ुशी, गम, मिलना, बिछड़ना, याद, बचपन, जवानी, बुडापा इत्यादी) को जिस तरह शब्द देकर गीतों मैं पिरोया हैं वह अतुलनीय हैं, उनके जैसे इन्सान को पाकर गढ़वाल धन्य हैं. लेकिन जिस तरह से परिस्थितियां और भावनाए बदल रही हैं उसी तरह लोग भी बदल रहे हैं, लोगो की पसंद भी बदल रही हैं. जो लोग अन्य गायकों के गानों को पसंद कर रहे हैं उनके लीये तो नेगी जी और अन्य गायक बराबर हैं और भविष्य में नेगी जे के आभाव में तो यह नए गायक ही उनके लीये गढ़वाल के उच्चतम गायक बन जायेंगे. भविष्य में जब कल वाली परिस्थितियां और गायक नहीं रहेंगे तो जो भी नया गायक वर्तमान परिश्थितियों और भावनाओं को थोडा बहुत भी अपने गीतों में ढाल पायेगा वही भविष्य का गायक बन जाएगा. भले हम लता, किशोर, रफ़ी जैसे गायांकों को नहीं भुला सकते पर सोनू निगम, उदित नारायण, के. के., सुनिधि जैसे गायकों को भी नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते.