नजरिया
हर इंसान की एक अपनी एक सोच और नजरिया होता हैं किसी भी घटना और वस्तु को देखने का इसलिए यह जरूरी नहीं की जो एक इंसान कहे वह बात दुसरे इंसान को पसंद आये!
जो भी मैं यहाँ पर व्यक्त कर रहा हूँ वह मेरा अपना नजरिया हैं और मैं जानता हूँ की हर कोई इस बात से सहमत नहीं होगा.
जो मेरे नज़रिए को समझेगा वह शायद मेरी भावनाओं को समझ सकता हैं और जिनका नजरिया मेरे से अलग होगा वह शायद मेरी इन भावनाओं को किसी और रूप मैं ले सकते हैं.
जो भी मैं यहाँ पर व्यक्त कर रहा हूँ वह मेरा अपना नजरिया हैं और मैं जानता हूँ की हर कोई इस बात से सहमत नहीं होगा.
जो मेरे नज़रिए को समझेगा वह शायद मेरी भावनाओं को समझ सकता हैं और जिनका नजरिया मेरे से अलग होगा वह शायद मेरी इन भावनाओं को किसी और रूप मैं ले सकते हैं.
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