पुरुष प्रधान देश
कल जब में ऑटो से सफ़र कर रहा था तो जो नज़ारा देखने को मिला कुछ इस तरह से था
एक मोडर्न नवयुवती ऑटो को हाथ देती हैं और ऑटो वाला रोकता हैं तो जो एक नज़र मैं देखने को मिला:-
१. कंधे पर एक बड़े आकार का लेडिस बेग
२. एक हाथ मैं लंच का बेग साथ मैं वाटर बोतल का बेग अलग से
३. दुसरे हाथ में मोबाइल जिसके द्वारा किसी से वार्तालाप ज़ारी था
४. पुरे मुह पर कपडा केवल आँखें खुली हुयी थी....बेंडिट क्वीन का आधुनिक रूप कह सकते हो
उसके बाद शेरिंग ऑटो मैं उन्हें मनवांछित सीट चाहिए होती हैं.
देखा गया है की लोग लेडिस को देख कर अक्सर सीट छोड़ देते हे पर किसी पुरुष के लिए जगह होते हुए भी उन्हें जगह देने में परेशानी होती हैं, यही हाल ऑटो वालों का भी हैं उन्हें बस लेडिस सवारी ही चाहिए, पुरुष को तो लेडिस की उपस्तिथि में वो बिलकुल नगण्य मानते है.
भारत को एक पुरुष प्रधान देश माना जाता है जहाँ पर महिला के आते ही पुरुष नाकारा साबित हो जाता है.
एक मोडर्न नवयुवती ऑटो को हाथ देती हैं और ऑटो वाला रोकता हैं तो जो एक नज़र मैं देखने को मिला:-
१. कंधे पर एक बड़े आकार का लेडिस बेग
२. एक हाथ मैं लंच का बेग साथ मैं वाटर बोतल का बेग अलग से
३. दुसरे हाथ में मोबाइल जिसके द्वारा किसी से वार्तालाप ज़ारी था
४. पुरे मुह पर कपडा केवल आँखें खुली हुयी थी....बेंडिट क्वीन का आधुनिक रूप कह सकते हो
उसके बाद शेरिंग ऑटो मैं उन्हें मनवांछित सीट चाहिए होती हैं.
देखा गया है की लोग लेडिस को देख कर अक्सर सीट छोड़ देते हे पर किसी पुरुष के लिए जगह होते हुए भी उन्हें जगह देने में परेशानी होती हैं, यही हाल ऑटो वालों का भी हैं उन्हें बस लेडिस सवारी ही चाहिए, पुरुष को तो लेडिस की उपस्तिथि में वो बिलकुल नगण्य मानते है.
भारत को एक पुरुष प्रधान देश माना जाता है जहाँ पर महिला के आते ही पुरुष नाकारा साबित हो जाता है.
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