दिवाली प्रतियोगिता

दिवाली के उपलक्ष्य में कंपनी में एक प्रतियोगिता रखी गयी। अपनी डिवीज़न के नेतृत्व की बागडोर मेरे हाथों में सौंपी गयी।

हमारी डिवीज़न से 19 लोग प्रतियोगिता के लिए इच्छुक थे, मेरे दिमाग के घोड़ो ने दौड़ कर एक कॉन्सेप्ट तैयार किया।

भारत के नक़्शे के बीच में रंगोली बनायीं जायेगी और थोड़ा बहुत सजावट की जायेगी। किसी भी त्यौहार का मकसद होता है ख़ुशी व्यक्त करना और ख़ुशी तभी महसूस की जा सकती है जब हम अपने आपको चारो और से सुरक्षित महसूस करे। बारह व्यक्तियों को चार चार के रूप में दीवार का रूप देकर तीन दीवार बना दी गयी।
पहली दीवार को नाम दिया गया ARMY जो ये दर्शाती है कि हमें एक तरफ से आर्मी द्वारा सुरक्षा प्रदान की जा रही है और हमें बाहरी देशों से असुरक्षित महसूस करने की जरुरत नहीं।
दूसरी दीवार को GOVT का रूप दिया गया जो हमारे लिए विभिन्न तरह की नीतियां बना कर सुरक्षा प्रदान करती है जैसे की कानून, न्यायलय, हॉस्पिटल, रोजगार, यातायात के साधन, सड़क, पुल, एयरपोर्ट इत्यादि।
तीसरी दीवार को HMSC (Hindu, Muslim, Sikh, Christian) का रूप दिया गया जिन्होंने हमें अपने धर्मों के माध्यम से त्योहारों के रूप में आपस में मिल बाँट कर खुशियां मनाने व लोगों की एकता को मजबूत करने की प्रेरणा देकर देश को सुरक्षा का माहौल दिया।

चौथी दीवार अदृश्य दीवार थी जिसे हमारे दिल और दिमाग ने रचित किया है और हमारे विवेक के हिसाब से तय होता है कि क्या हमारे लिए क्या सही है और क्या नहीं। हमारे द्वारा उठाये गए सही कदम या कार्य हमारी सुरक्षा को मजबूती देंगे।

अगर इस तरह की चौतरफा सीमा किसी देश की हो तो वहां के त्योहारों से प्राप्त होने वाले खुशियों की कोई सीमा नहीं होगी।

जयहिंद!

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