असमंजस

असमंजस

पैसा कमाकर धनी बन जाऊं
या जो है उसमें ही संतुष्टि पाऊं।

त्यौहार के लिए कपड़े नये बनाऊँ
या जो है मौजूद काम उनसे चलाऊँ।

वाद विवाद कर खुद को सही ठहराऊँ
या जीत में उसकी खुशी खुद की पाऊँ।

बच्चे को डांट कर गलती बतलाऊँ
या पी के गुस्सा प्यार से समझाऊँ।

राह चलते अजनबी से आँख फिराऊँ
या बिखेर कर मुस्कान इंसानियत दिखलाऊँ।

सो कर देर तलक तृप्ति पाऊँ
या छोड़ कर मोह को घूमने जाऊँ।

#justnegi

Comments

Popular posts from this blog

Personality

गढ़वाल और जातपात

Traffic Rules