जय माता दी।

कुछ दिन पहले एक शादी के दौरान जैसे ही घड़ी की सुइयों ने 10 बजने का संकेत दिया DJ वाले बाबू ने सबकी फरमाइशों को दरकिनार कर ये ऐलान कर दिया कि अब DJ नही बजेगा। 

क्योंकि ये रिहायशी इलाका है और कानून के अनुसार रिहायशी इलाके में 10 बजे के बाद किसी भी तरह का जोर शोर वाला गाना बजाना वर्जित है। इससे उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को विभिन्न रूप से असुविधा होती है जो कि किसी भी रूप में सही नही है। और अनगिनत मिन्नतों के बाद भी DJ वाले बाबू अपना साजो सामान बटोर कर सब के अरमानों पर पानी फेर कर चले गए।

आज उसी मुहल्ले में उन्ही लोगों के बीच एक जागरण का आयोजन हो रहा है। रात के 12 बज जाने के बाद भी आयोजन भरपूर रूप से अपनी चरम ध्वनि के साथ आयोजित किया जा रहा है और सुबह तक इसी जुनून के साथ बदस्तूर जारी रहेगा।

सब कुछ उस दिन जैसा ही है फर्क सिर्फ गाने के बोलों का और भावनाओं का है।

न तो किसी को इस से किसी तरह की परेशानी है और न ही ये गैरकानूनी है।

बोल सांचे दरबार की...जय।।

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