बाहुबली 2 - मेरी नज़र से।

पूरी फिल्म आंखों को ध्यान में रख कर बनाई गई है और वाकई आंखों को प्रसन्न करती है।

कई दृश्य रोंगटे खड़े कर देते है जिसका एहसास आपको केवल सिनेमा घर मे ही महसूस होगा।

दिमाग को घर पर रख कर ही फ़िल्म देखने जायें।

सिंहासन के लिए निम्नतम स्तर की राजनीति का प्रयोग जो कि हम अक्सर सास बहू वाले नाटकों में देखते है। जहां किसी एक पक्ष की बात सुनकर दूसरे पक्ष के खिलाफ फैसला सुना दिया जाता है बिना दूसरे पक्ष की सुनवाई के बगैर।

कटप्पा जैसे गंभीर किरदार से कॉमेडी करवा के गुड़ का गोबर करना।

अंत मे लड़ाई इस कद्र दिखाई गई है कि वास्तविकता का मानव क्षमताओं से कोई लेना देना ही नही रह जाता।

हॉलीवुड की बेहतरीन ग्राफ़िक्स को टक्कर देती फ़िल्म जो लॉजिक में काफी कमजोर पड़ जाती है।

एक बार देखने योग्य पैसा वसूल फ़िल्म।

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