आकर्षण


कॉलोनी के भीतर सब थोड़ा बहुत एक दूसरे को जानते ही है खासकर अपने क्षेत्र के लोगों को।

सिर्फ इस बात की जानकारी होना की वो जो कहीं उस ब्लॉक मे रहती है, वो पहाड़ी है और मेरा भी पहाड़ी होने के नाते हम दोनो का एक अनजाना संबंध तो बन ही जाता है।

इसी अनजाने बंधन का फायदा उठाते हुए मेरे दोस्त (मन्नू) ने मुझे कहा की उस से (मधु) जाके कह दे की "मन्नू तुझे आई लव यू कह रहा है" ।

बचपन की मस्ती मे कूदते फांदते उस तक पहुंचे और बिना किसी भावनाओं के सूचना को "कॉपी पेस्ट" कर दिया। उसके चेहरे पर एक मुस्कान उभरी और बिना किसी जवाब के वो आगे बढ़ गयी।

कूदता फांदता वापस आया तो मन्नू ने उत्तर की अपेक्षा से देखा, मैंने बोल दिया की मैंने तो उसे बता दिया और वो मुस्कुरा कर चली गयी।

अब खेलते कूदते जब भी वो नज़र आये में उससे पूछ बैठता "मन्नू जवाब मांग रहा था", उत्तर मे वही मुस्कान प्राप्त होती।

इसी साल आठवीं कक्षा पास करी और नई कक्षा के साथ स्कूल भी नया मिला, जहाँ कॉलोनी का कोई दोस्त नही था, घरवालों ने बिगड़ने से बचने के लिए ऐसे स्कूल मे डाला जहाँ पढ़ाई अच्छी थी और प्रवेश थोड़ा मुश्किल।

नए स्कूल मे कुछ भी पुराना नही था सब कुछ अलग, सब कुछ बदला हुआ, अचानक एक पुरानी चीज़ पर नज़र पड़ी, वही मुस्कान बिखेरती लड़की जो मुझे ही देख के मुस्कुरा रही थी।

लेकिन इस बार की मुस्कान ने मुझे कुछ और एहसास हुआ, कुछ ऐसा जो पहले महसूस नही हुआ था।

न ही ये खबर मन्नू तक पहुँची और न ही फिर कभी मन्नू को उस से जोड़ने की सोच आयी। बस उस मुस्कान को अपने तक ही रोक देने का मन हुआ।

उसकी मुस्कान का एक प्रतिबिम्ब मेरे जेहन में कहीं छप सा गया था जिसे में मिटा नही पा रहा था।

ये मुस्कान का आदान प्रदान कुछ समय तक चला और फिर बीच मे वीडियो गेम आ गया जिसने ऐसी छाप छोड़ी की उसके आगे सब कुछ वाष्पीकरण होके उड़ गया।

#justnegi

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