एक मामूली घटना

स्वाभाव से में एक शांत और अंतर्मुखी व्यक्तित्व का मालिक हूँ, और किसी को कभी "ना" नहीं कह पाता हूँ अगर वो बात या काम मेरे पहुँच में हैं. अक्सर में मेरे आस पास होने वाली घटनाओ को देख कर उनके पीछे होने वाली वजह को समझने की कोशिश करता हूँ, जिनको शायद बहुत लोग या तो ध्यान ही नहीं देते हैं या घटित होते ही भूल जाते है या सारे दिन भर अपना मूड ख़राब कर के घूमते रहते हैं.

मैं सुबह एक निर्धारित समय पर घर से ऑफिस के लिए निकलता हूँ और समय पर पहुँच जाता हूँ, अक्सर मैं सार्वजानिक वाहनों का उपयोग करता हूँ खासकर थ्री व्हीलर (ऑटो)! हमारे ऑफिस मैं अगर कोई भी लेट होता हैं तो उसका half day अंकित किया जाता है और कोई भी बहाना स्वीकार नहीं किया जाता . जिससे ऑफिस का टाइम मैनेजमेंट बना रहता है.

आज जब मैं घर से ऑफिस के लिए निकला तो मेरे घर से निकल कर मेन रोड को जोड़ने वाली रोड को सार्वजनिक यातायात के लिए बंद कर दिया गया था केवल personal वाहन ही उस रोड से गुज़र सकते थे. लोकल रोड से मेन रोड तक की दूरी ३ किलो मीटर के लगभग हैं जिसमें मुझे कम से कम १५-२० मिनट का समय लगता और मे ऑफिस के लिए पक्का लेट हो जाता, तो मैंने सोचा की क्यूँ न लिफ्ट मांग कर देखा जाए.

मैंने करीबन १५-२० वाहनों से कोशिश करी लेकिन किसी ने भी यह जानते हुए भी की इस मार्ग पर सार्वजानिक वाहन बंद है लिफ्ट देने की ज़हमत नहीं उठाई. बहरहाल मैं मेन रोड तक का सफ़र पद यात्रा से पूर्ण किया और फलस्वरूप ऑफिस लेट पहुंचा.

हालांकि यह एक मामूली घटना हैं जिसमें हम सरकार के अलावा किसी को दोष नहीं दे सकते, लेकिन इंसानियत नाम को जो एक शब्द होता है वह शायद अधिकतर लोग भूल चुके हैं!

अब आप लोगों से गुज़ारिश हैं की आप उपरोक्त घटना पर अपने विचार व्यक्त करे या फिर अपने साथ हुयी कोई घटना यहाँ पर लिखे जिसे अन्य सदस्य पड़ कर उसके बारे में अपने विचार रख सके.

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