अनकही

कॉलोनी में एक नई बाइक सर्विसिंग की दुकान खुली, जो भी पहली बार उस दुकान पर गया अपनी बाइक की सर्विसिंग से बहुत खुश हुआ और फिर लगातार सर्विसिंग के लिए वहीं पर जाने लगा।

धीरे-धीरे उसकी काम की तारीफ से भीड़ बढ़ने लगी और उसकी दुकान चल पड़ी, उसके ग्राहकों की लिस्ट मे मेरा नाम भी जुड़ चुका था।

लगभग डेढ़-दो साल के दौरान बढ़ती भीड़ की वजह से सर्विसिंग का समय बढ़ने लगा औए सर्विसिंग के पश्चात संतुष्टि का एहसास कम होने लगा।

अगली बार सर्विसिंग मे ज्यादा समय लगने की बात से में सहमत नही हुआ और अगले दिन दूसरी सर्विसिंग की दुकान पर चला गया। नई दुकान मे बातों के दौरान एहसास हुआ की सिर्फ में ही नही कुछ और भी लोग है जो अब उसके कार्य से संतुष्ट नही है और इस सर्विसिंग की दुकान मे आये है।

मात्र 6 महीने के अंतराल मे एक नई दुकान ने उसके सारे ग्राहकों को आकर्षित कर लिया है और उसकी दुकान की जगह पर एक फास्टफूड सेंटर खुल चुका है।

हाल ही मे एक प्रसिद्द दुकान मे कपड़े सिलाने दिए, 2 तारीख का समय मिला, 2 तारीख को गए तो 2 दिन का समय और बढ़ा दिया गया, 3 दिन पश्चात गया तो 1 दिन का समय और बढ़ा दिया।

भविष्य मे नई दुकान तलाशी जाएगी।

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